विचार:रियाज़ अब्बास आब्दी अज़ादारी सिर्फ इमाम हुसैन की याद में मजलिस व मातमदारी का नाम नहीं है बल्कि ज़ालिम तानाशाहों के ज़ुल्मों के खिलाफ आवाज़ उठाने का नाम भी अज़ादारी है अल्लाह के लिए अपनी दुनियावी आरज़ूओं पर लगाम लगाने का नाम अज़ादारी है एक दुसरे से किसी को तकलीफ न पहुंचे,किसी का दिल न दुखे यह अज़ादारी है शहीदे कर्बला के किरदारों, कुर्बानियों, सबर को अपनी ज़िन्दगी में अमलीजामा पहनाने का नाम अज़ादारी है अपने प्यार अपने किरदार से दुश्मन को भी अपना दोस्त बनाने पर मजबूर कर देने का नाम अज़ादारी है भूके को खाना खिलाना, प्यासे की प्यास बुझाना, मजलूम का साथ देने का नाम अज़ादारी है दुनियावी परेशानियों में घिरे होने के बाद भी अल्लाह को न भूलने का नाम अज़ादारी है किसी के हक को दिलाने और देने का नाम नाम अज़ादारी है ओरतों की इज्ज़त और बच्चों को प्यार करने का नाम अज़ादारी है दोस्ती निभाना, भाई का भाई के लिए कुर्बानी देने का नाम अज़ादारी है हक के लिए अपनी जान,मालो दोलत गवाने का नाम अज़ादारी है यतीमों, मिसकीनों, मुसाफिरों, जरुरतमंदों की मदद करने का नाम अज़ादारी है जालिमों, का