लेखक: समीरात्मज मिश्र उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद आदित्यनाथ योगी सरकार जिस मुद्दे पर सबसे ज़्यादा नाकाम रहने के आरोप झेल रही है, वह है- कानून व्यववस्था. पिछले दिनों सरकार ने ख़ुद इस बात को स्वीकारा है कि अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार के गठन से लेकर 9 मई तक राज्य में कुल 729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण की घटनाएं हुई हैं. हालांकि विपक्षी दल इसी दौरान पिछले सालों में हुए अपराध का तुलनात्मक ब्यौरा चाहते थे लेकिन सरकार के पास वो उपलब्ध नहीं थे. विपक्ष का दावा है कि बीते सालों की तुलना में अपराध में तीस फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. विधानसभा में बीएसपी के नेता लालजी वर्मा ने आंकड़े देकर यह बताया और समाजवादी पार्टी भी ऐसा ही मानती है. सपा नेता राजेंद्र चौधरी कहते हैं, ''अखिलेश यादव के समय में देश के 18 राज्यों से ज़्यादा अच्छी कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में थी. ये नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा था. '' सरकार दो महीने में ही अपराध की