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Showing posts from September 6, 2017

Purpose OF Azadari- Moharram 2021

 

रोहिंग्या मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश

म्यांमार की सरकारी समाचार एजेन्सी ने सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार के कारण क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दबाव को कम करने के लिए मुसलमानों के विरुद्ध ग़लत ख़बरें देना आरंभ कर दी हैं।  म्यांमार ग्लोबल न्यू लाइट आव की रिपोर्ट के अनुसार इस समाचार एजेन्सी ने लोगों को  दिगभ्रमित करने के लिए मुसलमानों पर सेना के हालिया हमलों का लक्ष्य, रोहिंग्या के तथाकथित छापामार गुट से मुक़ाबला करना है।  म्यांमार सरकार की सूचना समिति का दावा है कि अराकान छापामारों ने माउविंग ताव शहर सहित रोहिंग्या के विभिन्न क्षेत्रों पर हमले करके सैकड़ों घरों को जला दिया है और इस क्षेत्र के लोगों का जनंसहार किया है। म्यांमार सरकार का यह दावा एेसी स्थिति में सामने आया है कि ईरान सहित बहुत से देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार पर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी रोकथाम की मांग की है। ह्यूमन राइट्स वाॅच की ओर से सैटेलाइट द्वारा ली गयी तस्वीरों से पता चलता है कि राख़ीन प्रांत में बौद्ध चरमपंथियों और सेना के हमलों में बहुत से रोहिंग्या मुसलमान मारे गये हैं। ज्ञात रहे क

ईरान और तुर्की रोहिंग्या मुसलमानों के लिए एक जुट

ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर इस देश की सेना के बर्बर हमलों के बारे में विचार विमर्श किया है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ और उनके तुर्क समकक्ष मौलूद चाउश ओग़लू ने सोमवार को टेलीफ़ोन पर होने वाली बातचीत में इस मुद्दे पर चर्चा की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने रोहिंग्या मुसलमानों के नस्लीय सफ़ाए को रोकने के लिए उठाए जाने वाले क़दमों पर विचार किया। ग़ौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार की सेना के ताज़ा हमलों में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और क़रीब एक लाख लोगों ने अपना घरबार छोड़कर बांग्लादेश में शरण ली है। इससे पहले भी बुधवार को ईरानी विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने ट्वीट करके रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति विश्व समुदाय की चुप्पी की निंदा की थी और दुनिया के सबसे पीड़ित अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए कड़ी कार्यवाही की मांग की थी। msm

म्यांमार की खून चूसने वाली डायन

चौतरफ़ा आलोचना झेलने के बाद म्यांमार की नेता आन सान सूची ने आख़िरकार रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में अपनी ज़बान खोली है। सूची ने कहा कि उनका देश रख़ाइन प्रांत में रहने वाले सभी लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। सूची ने लंबी चुप्पी के बाद यह बयान दिया है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका देश इन लोगों को बचाने  के लिए क्या कोशिश कर रहा है जबकि देश की सेना और सुरक्षा बल ही चरमपंथी बौद्धों के साथ मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार कर रहे हैं। सूची ने आरोप लगाया कि चरमपंथी तत्व अपने हित साधने के लिए ग़लत ख़बरें फैला रहे हैं। बताया जाता है कि सूची ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान से टेलीफ़ोन पर बातचीत में यह टिप्पणी की है। सूची लाख कहें कि ग़लत ख़बरें फैलाई जा रही हैं लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों पर जो भयानक अत्याचार हो रहे हैं वह इतने स्पष्ट और दिल दहला देने वाले हैं कि संयुक्त राष्ट्र और इस्लामी देशों सहित विश्व के अनेक देशों और संस्थाओं की ओर से म्यांमार की सरकार की कड़ी आलोचना की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गोटेरस ने कहा कि यद