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Showing posts from January 6, 2018

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

रूस ने की अमरीका की कड़ी आलोचना

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रूसी सीनेट की इंटरनेशनल कमेटी के अध्यक्ष कॉन्स्टेंटिन कोशेवोव ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हाल ही में ईरान में उप्रदव करने वालों को सम्मानित करने की घोषणा बहुत ही निचले स्तर की राजनीति है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प के इस शर्मनाक एलान पर संयुक्त राष्ट्र संघ को संज्ञान लेकर उनके विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए। कॉन्स्टेंटिन कोशेवोव ने कहा कि  रूस, ईरान के आंतरिक मामलों में अमेरिकी अधिकारियों के शर्मनाक हस्ताक्षेप और इस देश में उप्रदव करने वालों को उकसाने और उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की कड़े शब्दों में निंदा करता है। दूसरी तरफ, एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने एक बहुत ही भड़काऊ बयान में कहा है कि ईरान के सुरक्षाबलों के मुक़ाबले में खड़े उप्रदवियों को हथियारों और विस्फोट पथार्दों से लैस करना अमेरिकी एजेंसियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।  अमेरिका के पूर्व उपविदेश मंत्री स्टीवर्ट बेकर ने “लॉ आफ़ेयर” नामक वेबसाइट पर लिखा है कि अब समय आ गया है कि ईरान में लोगों को हथियारों और विस्फोटकों से लैस किया जाए। यह ऐसी स्थिति में है कि यूरोपीय संघ की वि...