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Showing posts from July 24, 2016

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

आतंकियों ने अमरीका और सऊदी अरब से समर्थन मिलने की बात स्वीकारी

जून २४, २०१६ . इस्लामी क्रान्ति संरक्षक बल आईआरजीसी ने कहा है कि पिछले हफ़्ते देश के पश्चिमोत्तरी भाग में गिरफ़्तार हुए एक आतंकवादी गुट के तत्वों ने अमरीका और सऊदी अरब की ओर से समर्थन मिलने की बात स्वीकार की है।  आईआरजीसी की थल सेना के कमान्डर ब्रिगेडयर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने गुरुवार को इन आतंकियों की स्वीकारोक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, “इन लोगों ने अपने अपराधों के व्यापक आयाम और अपने गुट के लक्ष्यों की प्राप्ति में सऊदी अरब और अमरीका की ओर से मिले समर्थन को स्वीकार किया है।” उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक किया जाएगा।  इस आतंकवादी गुट को ईरान के सिस्तानो बलोचिस्तान प्रांत के ख़ाश शहर में पिछले हफ़्ते ध्वस्त किया गया।  जनरल मोहम्मद पाकपूर ने बताया कि एक आतंकी की, गिरफ़्तारी के समय लगे घाव को सहन न कर पाने से मौत हो गयी जबकि दूसरा आतंकी हिरासत में है।  आईआरजीसी की थल सेना के कमान्डर ब्रिगेडयर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने कहा कि अमरीका और सऊदी अरब ईरान की भौगोलिक सीमाओं में क्रान्ति विरोधी तत्वों और आतंकवादी गुटों को फिर से संगठित करने की को...

आतंकवाद के सबसे बड़े समर्थक अमरीका, और सऊदी अरब

जुलाई १५, २०१६। तेहरान के जुमे के इमाम ने अमरीका, सऊदी अरब और ज़ायोनी शासन को दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक बताया है। तेहरान में जुमे की नमाज़ के विशेष भाषण में आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने, क्षेत्र के कुछ देशों के संकटमय हालात और इन देशों में बेगुनाह लोगों के जनसंहार की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इराक़, सीरिया और यमन जैसे देशों में जनता को ख़त्म करने और इन देशों की मूल संरचनाओं को ध्वस्त करने के लि,ए आतंकवादी गुटों को जन्म दिया गया है जो मानवता के ख़िलाफ़ खुला अपराध है। उन्होंने कहा कि अमरीका ऐसी हालत में दुनिया में मानवाधिकार के समर्थन का दावा करता है कि इराक़, सीरिया और यमन के पीड़ित राष्ट्र के दुश्मनों का यथावत समर्थन कर रहा है और इन देशों में तकफ़ीरियों व वहाबियों के अपराध पर चुप बैठा है। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी शासन के अतिग्रहण व अपराध की ओर इशारा करते हए कहा कि अमरीका और उसके कुछ पश्चिमी घटक, ऐसी स्थिति में फ़िलिस्तीनियों पर आतंकी होने का आरोप लगा रहे हैं जब वे अपनी भूमि की रक्षा व प्रतिरोध के सिवा कुछ नहीं कर रहे हैं। तेह...

इराक़ में बम धमाके, 4 की मौत 17 घायल

जुलाई २०, २०१६ -  इराक़ की राजधानी बग़दाद के उत्तर और दक्षिण में स्थित इलाक़ों में 2 आतंकवादी बम धमाके हुए जिनमें 4 व्यक्ति हताहत और 17 अन्य घायल हुए।  इराक़ी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बुधवार को बग़दाद के उत्तर में सबउल बौर इलाक़े में एक बम धमाका हुआ जिसमें 2 व्यक्ति हताहत और 9 अन्य घायल हुए।  दूसरा धमाका बग़दाद के दक्षिण में स्थित मदाएन इलाक़े में हुआ। इस धमाके में भी 2 व्यक्ति हताहत हुए जबकि 8 अन्य घायल हुए।  मंगलवार को बग़दाद के दक्षिण में स्थित दौरा इलाक़े में भी एक धमाका हुआ जिसमें में कम से कम 2 व्यक्ति हताहत और 4 अन्य घायल हुए।  हालिया हफ़्तों के दौरान बग़दाद में अनेक भीषण धमाके हुए जिनमें दर्जनों लोग हताहत व घायल हुए।  इराक़ में सक्रिय तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश, जंग के मैदान में इराक़ी सेना और स्वयंसेवी बलों से मिल रही पराजय से बौखला कर, बदला लेने के लिए इराक़ के आम नागरिकों को निशाना बना रहा है।

मीडिया कहाँ है ?काबुल में 2 बम विस्फ़ोट, 80 से अधिक मुसलमानों की मौत जबकि 207 अन्य घायल।

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शीया हज़ारा समुदाय के प्रदर्शन स्थल पर 2 बम धमाके हुए जिनमें कम से कम 80 लोग हताहत और 207 अन्य घायल हुए।  तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने इन धमाकों की ज़िम्मेदारी ली है। ये धमाके काबुल के देह मज़न्ग स्कवायर पर हुए जहां हज़ारों की संख्या में शीया हज़ारा समुदाय के लोग विवादित बिजली लाइन परियोजना के खिलाफ़ सुबह के समय प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे।  पुलिस के अनुसार, एक आक्रमणकारी अपनी बेल्ट को विस्फोटित करने में सफल रहा, दूसरा आक्रमणकारी सही तरह से अपनी बेल्ट को विस्फोटित नहीं कर पाया जबकि तीसरा आक्रमणकारी इससे पहले कि अपनी बेल्ट को विस्फोटित करता सुरक्षा बल ने उसे ढेर कर दिया।  राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने धमाकों की भर्त्सना करते हुए आतंकियों के इस हमले पर गहरा दुख जताया है।  उन्होंने कहा, “अवसरवादी आतंकियों ने प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंच कर विस्फोट किए जिसमें बड़ी संख्या में देश के नागरिक, सुरक्षा बल और रक्षा विभाग के कर्मचारी हताहत व घायल हुए।” अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर नागरिक का अधिकार है।  प्रद...