युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...
अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार बांग्लादेश में शिया मुसलमानों की एक मस्जिद में शेतानी आतंकवादी संगठन आईएस ने हमला किया जिस में चार लोग शहीद हो गए और सेकड़ों घायल घायल हो गए । नाइजीरिया में इमाम हुसैन अ स की याद में मातमी जलूस पर आतंकवादी हमले में कम से कम 21 अज़ादार शहीद और कई घायल हुए हैं। नाइजीरिया के मोहम्मद तोरी ने बताया कि यह विस्फोट दाका सोए नामक गांव में उस समय हुआ जब शिया नुसलमन बड़ी संख्या में अज़ादारी ए इमाम हुसैन अ स के जुलूस में शामिल थे। बताया गया कि आतंकवाद की इस कार्रवाई में इक्कीस लोग शहीद और कई घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार एक आत्मघाती हमलावर को पकड़ लिया गया है। जिसने स्वीकार किया कि उसे बोको हराम ने आत्मघाती विस्फोट प्रशिक्षण देकर भेजा है। नाइजीरिया में इससे पहले भी कई बार, शिया मुसलमानों की मजालिस/ मातमदारी पर हमले होते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चरमपंथी आतंकवादियों का गुट बोको हराम नाइजीरिया और उसके पड़ोसी देशों में सक्रिय है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बोको हराम सत्रह हज़ार से अ...