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Showing posts from June 9, 2016

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

अल्लाह के एक होने पर यक़ीन और उसके कई होने को नकारना को तौहीद कहते हैं

तौहीद का मतलब अल्लाह को एक मानना है। दर्शन और तर्क शास्त्र में इस के कई मतलब हैं लेकिन सब का अंत में मतलब यही होता है कि अल्लाह को एक माना जाए। इस संदर्भ में बहुस ती विस्तृत चर्चाओं का बयान हुआ है लेकिन यहाँ पर सब का बयान उचित नहीं होगा।इस लिए यहाँ पर हम तौहीद के केवल उन्हीं अर्थों और परिभाषाओं का बयान करेगें जो ज़्यादा विख्यात हैं। 1.  संख्या को नकारनातौहीद की सर्वाधिक विख्यात परिभाषा, अल्लाह के एक होने पर यक़ीन और उसके कई होने को नकारना है। अल्लाह के लिए ऐसी विधिता को नकारना है जो उसके वुजूद से बाहर हो । यह यक़ीन दो या कई अल्लाह में ईमान रखने के विपरीत है। 2.  मिश्रण को नकारनातौहीद की दूसरी परिभाषा अल्लाह के अनन्य होने की है यानी वह ऐसा एक है कि जो कई वस्तओं से मिल कर एक नहीं बना है।इस मतलब को प्रायः उसके अवगुणों को नकार कर साबित किया जाता है जैसा कि हम ने दसवें पाठ में इस ओर इशारा किया है। 3.  उसके वुजूद से अतिरिक्त गुणों को नकारनातौहीद की एक दूसरे परिभाषा उसके गुणों और उसके वुजूद में अंखडता होना है इस अल्लाह के गुणों को एकल मानना कहा जाता है। इस विपरीत कुछ लोग ...