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Showing posts from August 3, 2017

Purpose OF Azadari- Moharram 2021

 

मोटापा बन सकता है उम्र भर के डिप्रेशन का कारण

मोटापे से संबंधित मेडिकल रिसर्च की यूरोपीय यूनियन ने चेतावनी दी है कि जो बच्चे 8 से 13 साल की उम्र में मोटापे का शिकार होते हैं वह अपने आनी वाली जिंदगी में बड़े स्तर पर डिप्रेशन में ग्रस्त रह सकते हैं। इस बात का खुलासा हाइलैंड में किए गए एक सर्वे से हुआ है जिसमें 889 लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक मोटापे की लंबे समय तक समीक्षा की और अनंनततः यह परिणाम सामने आया।  जिसमें 1950 से लेकर 1970 तक के दहाईयों में पैदा होने वाले लोगों से संबंधित जानकारियां जमा की गई थी रिसर्च के बाद मालूम हुआ कि जो लोग 8 से 13 साल की उम्र में मोटे थे वह बड़े होने पर न केवल डिप्रेशन में ज्यादा ग्रस्त देखे गए बल्कि उनमें डिप्रेशन की शिद्दत भी साफ तौर पर दूसरों के मुक़ाबले में अधिक दिखाई दी। इससे भी बढ़कर संकोच की बात यह देखने में आई कि ऐसे लोग अपनी पूरी जिंदगी में बार-बार डिप्रेशन के शिकार होते रहे जो लोग बड़े होने तक मोटापे से छुटकारा पाने में कामयाब हो गए थे उनमें भी बड़े होने पर डिप्रेशन मैं ग्रस्त होने का ख़तरा उन लोगों के मुकाबले में तीन गुना ज्यादा देखा गया जो बचपन से लेकर जवानी तक मोटे नहीं

सऊदी अरब के शिया आले सऊद के अत्याचारों को सहन कर रहा है।

सऊदी अरब का शिया बहुल अलवामिया लगातार कई महीनों से आले सऊद के अत्याचारों को सहन कर रहा है। ताज़ा जानकारी के अनुसार सऊदी सैनिकों ने इस शिया बहुल क्षेत्र की घेराबन्दी तंग करते हुए लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध लगाते हुए कर्फ्यू लगा रखा है । सूत्रों के अनुसार अत्याचारी आले सऊद ने आम नागरिकों को बिजली पानी जैसी प्राथमिक सुविधाओं से भी वंचित कर रखा है । सऊदी हत्यारों ने हय्युल हुसैन, नासेराह और सफ़वी जैसे आस पास के सभी क्षेत्रों में बख्तर बंद वहां तैनात कर रखे हैं । स्थानीय सूत्रों के अनुसार सऊदी सैनिकों की नाकाबंदी इतनी सख्त है कि लोग अपने घरों से निकल भी नहीं सकते । ज्ञात रहे कि हाल ही में सऊदी सैनिकों ने अपने घर के बाहर खड़े एक शिया युवक को गोलियों से छलनी कर दिया था । 

इस्लाम के दुश्मनों के मंसूबों और उन्हें नाकाम बनाने में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई की भूमिका - हसन नस्रुल्लाह

लेबनान प्रतिरोधी आंदोलन हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि इस्लाम दुश्मन ताक़तों के मंसूबों और उन्हें नाकाम बनाने में ईरान के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है । वह दुश्मन को भलभाँति जानते हैं तथा उनके विरुद्ध संघर्ष में महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं । लेबनान यात्रा पर गए ईरान पार्लियामेंट के सहायक स्पीकर अमीर अब्दुल्लाहियान से मुलाक़ात करते वक़्त हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी हसन नसरुल्लाह ने यह विचार व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दा तथा सीरिया, लेबनान क्षेत्रीय शांति व्यवस्था से जुड़े मुद्दे हैं । उन्होंने कहा जैसे जैसे अवैध राष्ट्र अपने विनाश के निकट पहुँच रहा है वह अरब देशों से संबंघ सामान्य करने की कोशिशों में लगा हुआ है । नसरुल्लाह ने क्षेत्र को विभाजित करने की साज़िशों पर ध्यान देने की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि हम हलब , मूसेल और अरसाल मे आपसी एकता और एत्तेहाद के कारण विजय प्राप्त करने में सफल रहे हैं । उन्होंने क़ुद्स के हालिय संकट की ओर संकेत करते हुए कहा कि अवैध राष्ट्र इस्लाम का चेहरा बिगाड़ने ओर क्षेत्रीय देशों को

नियोग प्रथा पर मौन, हलाला 3 तलाक पर आपत्ति ? एक बार जरुर पढ़े

3 तलाक एवं हलाला पर आपत्ति जताने वाले आखिर नियोग प्रथा पर खामोश क्यों हैं, हलाला ठीक है या ग़लत कम से कम विवाहित महिला शारीरिक संबंध अपने पति से ही बनाती है! पर नियोग प्रथा से संतान सुख के लिए किसी भी ब्राह्मण पुरुष से नियोग प्रथा के अनुसार उससे शारीरिक संबंध बना सकती है! यह कितना बड़ा अत्याचार और पाप हुआ? नियोग प्रथा क्या है? हिन्दू धर्म में एक रस्म है जिसे नियोग कहते है , इस प्रथा के अनुसार किसी विवाहित महिला को बच्चे पैदा न हो रहे हो तो वो किसी भी ब्राह्मण पुरुष से नियोग प्रथा के अनुसार उससे शारीरिक संबंध बना सकती है! नियोग प्रथा के नियम हैं:- १. कोई भी महिला इस प्रथा का पालन केवल संतान प्राप्ति के लिए करेगी न कि आनंद के लिए। २. नियुक्त पुरुष केवल धर्म के पालन के लिए इस प्रथा को निभाएगा। उसका धर्म यही होगा कि वह उस औरत को संतान प्राप्ति करने में मदद कर रहा है। ३. इस प्रथा से जन्मा बच्चा वैध होगा और विधिक रूप से बच्चा पति-पत्नी का होगा , नियुक्त व्यक्ति का नहीं। ४. नियुक्त पुरुष उस बच्चे के पिता होने का अधिकार नहीं मांगेगा और भविष्य में बच्चे से कोई रिश्ता नहीं रखेगा।