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Showing posts from September 11, 2017

Purpose OF Azadari- Moharram 2021

 

पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान,म्यांमार में 4 हज़ार से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या कर दी गई

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक कवरेज के बावजूद, रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार सेना के ताज़ा बर्बर हमले जारी हैं। पिछले दो हफ़्तों के दौरान, म्यांमार के सैनिकों ने क़रीब 4 हज़ार रोहिंग्या मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया है और 3 लाख से भी अधिक रोहिंग्या जान बचाकर बांग्लादेश भाग चुके हैं। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, रोहिंग्या कार्यकर्ता एवं लेखक नी सान लूईन का कहना है कि म्यांमार सरकार, नस्लीय सफ़ाया कर रही है। हम अराकान (रखाइन) प्रांत के मूस निवासी हैं, लेकिन सरकार हमें यहां से भगाना चाहती है। लूईन के मुताबिक़, स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान, म्यांमार के सैनिकों और बौद्ध चरमपंथियों ने 4 हज़ार से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या कर दी है। उन्होंने बताया कि म्यांमार के सैनिक बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों पर रहम नहीं कर रहे हैं। सैनिकों ने केवल एक ही गांव में 1500 पीड़ित मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया। लुईन का कहना है कि हमारे पास केवल 4000 लोगों के मारे जाने की सूचना है, हालांकि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है। रो

सऊदी अरब के क्रोर हमले में 13 आम नागरिक हताहत :यमन

सऊदी अरब के युद्धक विमानों ने यमन के मआरिब प्रांत पर बमबारी कर दी जिसमें 13 आम नागरिक हताहत हो गये। हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में इसी प्रकार 11 आम नागरिक घायल भी हुए हैं। ज्ञात रहे कि सऊदी अरब ने 26 मार्च वर्ष 2015 से यमन पर हमला आरंभ कर रखा है जिसमें अब तक 1200 से अधिक व्यक्ति हताहत और दसियों हज़ार घायल तथा लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। सऊदी अरब यमन के त्यागपत्र  दे चुके राष्ट्रपति मंसूर हादी को सत्ता में दोबारा पहुंचाना चाहता है किन्तु यमनी सेना और स्वयं सेवी बलों के कड़े प्रतिरोध के कारण सऊदी अरब और उसके घटक किसी भी लक्ष्य में सफल नहीं हो सके हैं। यमन पर सऊदी अरब के हमलों में 12 हज़ार से अधिक यमनी हताहत, दसियों हज़ार घायल और लाखों विस्थापित हो चुके हैं। इन हमलों के कारण यमन का आधार भूत ढांचा बुरी तरह तबाह हो चुका है। यमन पर सऊदी अरब के हमलों के कारण इस निर्धन देश में दवाओं और खाद्य पदार्थों की भीषण कमी का सामना है जिसके कारण ख़तरनाक बीमारियां फैल रही हैं। (AK)       

ह्यूमन राइट्स वॉच के सदस्य अक्षय कुमार ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जताई

ह्यूमन राइट्स वॉच के सदस्य अक्षय कुमार ने कहा कि हमारी संस्था को मिलने वाले सबूत म्यांमार सरकार द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों पर किए जाने वाले भयावह अपराधों को दर्शाते हैं। अक्षय कुमार ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि म्यांमार के राख़ीन प्रांत के रोहिंग्या मुसलमान वर्षों से जारी संगठित अपराध, हिंसा और भेदभाव का शिकार हैं कहा कि म्यांमार की सेना और बौद्ध चरमपंथियों के हमलों में मारे गए और बेघर होने वालों की रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या चिंताजनक सीमा पर पहुंच गई है। ह्यूमन राइट्स वॉच के सदस्य ने कहा कि उपग्रह और अन्य विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त चित्रों और समाचारों की समीक्षा से यह सिद्ध होता है कि राख़ीन प्रांत में 22 से अधिक क्षेत्रों को पूरी तरह जलाकर राख कर दिया गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच के सदस्य अक्षय कुमार ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची से, जो म्यांमार की विदेश मंत्री और सरकार की वरिष्ठ सलाहकार हैं मांग की है कि वह रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों को जल्द से जल्द रुकवाने की कोशिश करें। इस बीच, यमन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन अंसारूल्लाह के प्रमुख ने

रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार को रोकने के लिए म्यांमार सरकार पर दबाव डालने की तैयारी में जुटा ईरान

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने कहा है कि इस्लामी सहयोग संगठन के सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष, रोहिंग्या पलायनकर्ताओं की सहायता की आवश्यकता तथा मुसलमानों के जनसंहार को रुकवाने के लिए म्यांमार सरकार पर दबाव डालने पर एकमत हैं। डाक्टर हसन रूहानी क़िरक़िज़िस्तान की राजधानी आस्ताना में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में ओआईसी के शिखर सम्मेलन तथा रोहिंग्या मुसलमानों की समीक्षा के लिए आयोजित विशेष बैठक में भाग लेने के बाद स्वदेश लौट आए। उन्होंने तेहरान हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार को रोकने के लिए म्यांमार सरकार पर दबाव डालने के बारे में इस्लामी सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष एकमत हैं। उन्होंने कहा कि क़ज़ाक़िस्तान, तुर्की, आज़रबाइजान गणराज्य और उज़बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय मुलाक़ात में अत्याचार ग्रस्त रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति पर इस्लामी जगत के गंभीर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इससे पहले डाक्टर हसन रूहानी और तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने रोहिंग्या मुसलमा

म्यांमार: आंग सान सू ची की रोहिंग्या मुसलमानों पर दिए गए बयान से दुनिया भर में आलोचना

म्यांमार की नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति पर दिए गए उनके बयान के लिए दुनिया भर में आलोचना हो रही है। ग़ौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार सेना के ताज़ा हमलों में हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और 3 लाख से अधिक लोगों ने अपना घरबार छोड़कर बांग्लादेश में शरण ली है। रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधने वाली म्यांमार की नेता सू ची ने पिछले हफ़्ते दावा किया था कि मीडिया में रोहिंग्या मुसलमानों के संकट के बारे में ग़लत रिपोर्टिंग हो रही है। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में समस्त लोगों के अधिकारों की सुरक्षा की जाती है। दुनिया भर में शांति का नोबल पुरस्कार हासिल करने वाली सू ची की इन बयानों को लेकर कड़ी निंदा की जा रही है और मांग की जा रही है कि उनसे शांति का नोबल पुरस्कार वापस लिया जाए। हालांकि दुनिया के सभी नेता आंग सान सू ची का आलोचना में एकमत नहीं हैं। उदाहरण स्वरूप भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल उनकी आलोचना करने से इनकार कर दिया, बल्कि उन्हें समर्थन का आश्वसन दिया है। msm