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Showing posts from September 12, 2017

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में बताएं। पैरंट्स को अलर्ट रहना होगा

बच्चों की सेफ्टी की जिम्मेदारी आपकी भी गुरुग्राम के रायन इंटरनैशनल स्कूल में दूसरी क्लास के प्र द्युम्न की निर्मम हत्या हो या दिल्ली के टैगोर स्कूल में 5 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला। ये खबरें खौफ पैदा करने के साथ ही पैरंट्स को अलर्ट भी कर रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि पैरंट्स अपने बच्चों की सेफ्टी के लिए घर-मोहल्ले के अलावा उनके स्कूल के बारे में भी पूरी जानकारी रखें। पैरंट्स की जानकारी में उन सभी लोगों की लिस्ट होनी चाहिए जो बच्चे के स्कूल पहुंचने से लेकर लौटने तक बच्चे के संपर्क में आते हैं। साथ ही स्कूल में सुरक्षा के इंतजामों की भी पूरी खबर होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चे को आम बातचीत के जरिए सेक्शुअल अब्यूज और गुड टच-बैड टच के बारे में भी बताएं। मनोचिकित्सकों का भी मानना है कि बच्चे की स्कूल में सेफ्टी की जिम्मेदारी जितनी स्कूल की है, उतनी ही पैरंट्स की भी है। ऐसे में थोड़ी मेहनत तो उन्हें भी करनी चाहिए। बढ़ रहा है बच्चों के खिलाफ क्राइम नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में देशभर में बच्चों के खिलाफ क्राइम के 94 हजार 172 केस दर्ज किए गए जिसमें स...