बच्चों की सेफ्टी की जिम्मेदारी आपकी भी गुरुग्राम के रायन इंटरनैशनल स्कूल में दूसरी क्लास के प्र द्युम्न की निर्मम हत्या हो या दिल्ली के टैगोर स्कूल में 5 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला। ये खबरें खौफ पैदा करने के साथ ही पैरंट्स को अलर्ट भी कर रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि पैरंट्स अपने बच्चों की सेफ्टी के लिए घर-मोहल्ले के अलावा उनके स्कूल के बारे में भी पूरी जानकारी रखें। पैरंट्स की जानकारी में उन सभी लोगों की लिस्ट होनी चाहिए जो बच्चे के स्कूल पहुंचने से लेकर लौटने तक बच्चे के संपर्क में आते हैं। साथ ही स्कूल में सुरक्षा के इंतजामों की भी पूरी खबर होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चे को आम बातचीत के जरिए सेक्शुअल अब्यूज और गुड टच-बैड टच के बारे में भी बताएं। मनोचिकित्सकों का भी मानना है कि बच्चे की स्कूल में सेफ्टी की जिम्मेदारी जितनी स्कूल की है, उतनी ही पैरंट्स की भी है। ऐसे में थोड़ी मेहनत तो उन्हें भी करनी चाहिए। बढ़ रहा है बच्चों के खिलाफ क्राइम नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में देशभर में बच्चों के खिलाफ क्राइम के 94 हजार 172 केस दर्ज किए गए जिसमें स