रोज़े (व्रत) के बहुत ज्यादा लाभ हैं। इस्लाम के महा विद्वानों ने रोज़े को मनुष्य के शरीर को स्वास्थ्य प्रदान करने वाला, आत्मा को सुदृढ़ करने वाला, पाश्विक प्रवृत्ति को नियंत्रित करने वाला, आत्म शुद्धि करने वाला और बेरंग जीवन में परिवर्तन लाने वाला मानते हैं जो सामाजिक स्वास्थ्य की भूमिका प्रशस्तकर्ता है। रोज़े के उपचारिक लाभ, जिनकी गणना उसके शारीरिक तथा भौतिक लाभों में होती है बहुत अधिक और ध्यानयोग्य हैं। इस्लामी शिक्षाओं में रोज़े के शारीरिक लाभों का भी उल्लेख किया गया है। इस संदर्भ में पैग़म्बरे इस्लाम (स) कहते हैं- रोज़ा रखो ताकि स्वस्थ्य रहो।चिकित्सा विज्ञान के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए रोज़ा बहुत लाभदायक है। यहां तक कि उन देशों में भी जहां रोज़े आदि में विश्वास नहीं किया जाता वहां पर भी चिकित्सक कुछ बीमारों के उपचार के लिए बीमारों को कुछ घण्टों या एक निर्धारित समय के लिए खाना न देने की शैली अपनाते हैं।रोज़े के लिए इस्लामी शिक्षाओं में आया है कि अल्लाह ने कहा है कि मेरे दास हर उपासना अपने लिए भी करते हैं किंतु रोज़ा केवल मेरे लिए होता है और मैं ही उस का इनाम दूंगा। वास्तव