Skip to main content

Posts

Showing posts from December 15, 2020

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

चीन में 16,000 मस्जिदों को ध्वस्त या क्षतिग्रस्त कर दिया है

 ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन के उत्तर पश्चिम में स्थित शिनजियांग प्रांत में 16,000 मस्जिदों को ध्वस्त या क्षतिग्रस्त कर दिया है, यह संख्या कुल मस्जिदों की 65 फ़ीसद है। एएसपीआई ने दावा किया है कि उसके पास सैटेलाइट इमेजिज़ और दस्तावेज़ हैं, जिनके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। अधिकांश मस्जिदों को पिछले तीन वर्षों के दौरान, तोड़ा गया है। एक अनुमान के मुताबिक़, 8,500 मस्जिदों को पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दिया गया है। अकसर मस्जिदों को उरूमक़ी और काशगर के शहरी इलाक़ों में तोड़ा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़, जिन मस्जिदों को ध्वस्त नहीं किया गया है, उनके गुबंदों और मीनारों को तोड़ दिया गया है। एक अनुमान है कि शिनजियांग में ऐसी 15,500 मस्जिदे हैं, जिनका स्वरूप बदल दिया गया है। अगर यह आंकड़ें सही हैं, तो 1960 के बाद से इस इलाक़े में मस्जिदों की संख्या सबसे कम होगी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि शिनजियांग स्थित बौद्ध मंदिरों और चर्चों को नहीं तोड़ा गया है। एएसपीआई का कहना है कि चीन, शिनजियांग की स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को मिटाने की...