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Showing posts from January 12, 2016

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

इराक़ में चार अलग अलग ISISआतंकी हमलों में 40 से भी अधिक मुस्लमान शहीद .

राजधानी बग़दाद के शॉपिंग सेंटर पर हमला हुआ है जिसकी ज़िम्मेदारी वहाबी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है.इस हमले में 18 लोग मारे गए. शिया आबादी वाले अल जदेदा इलाक़े में अल जौहारा शॉपिंग सेंटर पर बंदूकधारियों के हमले से पहले एक कार बम धमाका भी हुआ.आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर इमारत पर धावा बोला जिसमें हमलावार मारे गए और बंधकों को छुड़ा लिया गया. इस्लामिक स्टेट के वहाबी  आतंकवादी  शिया बहुल बग़दाद में पहले भी हमले करते रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि दो हमलावरों ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया जिसकी वजह के कई बंधक मारे गए.उनका कहना है कि दो बंदूक़धारियों को गोली मार दी गई जबकि चार अन्य को हिरासत में लिया गया है.इसके अलावा उत्तरी बग़दाद में दो बम धमाके हुए जिनमें 20 लोग मारे गए.