म्यांमार की नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति पर दिए गए उनके बयान के लिए दुनिया भर में आलोचना हो रही है।
ग़ौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार सेना के ताज़ा हमलों में हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और 3 लाख से अधिक लोगों ने अपना घरबार छोड़कर बांग्लादेश में शरण ली है।
रोहिंग्या संकट पर चुप्पी साधने वाली म्यांमार की नेता सू ची ने पिछले हफ़्ते दावा किया था कि मीडिया में रोहिंग्या मुसलमानों के संकट के बारे में ग़लत रिपोर्टिंग हो रही है।
उन्होंने कहा था कि हमारे देश में समस्त लोगों के अधिकारों की सुरक्षा की जाती है।
दुनिया भर में शांति का नोबल पुरस्कार हासिल करने वाली सू ची की इन बयानों को लेकर कड़ी निंदा की जा रही है और मांग की जा रही है कि उनसे शांति का नोबल पुरस्कार वापस लिया जाए।
हालांकि दुनिया के सभी नेता आंग सान सू ची का आलोचना में एकमत नहीं हैं।
उदाहरण स्वरूप भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल उनकी आलोचना करने से इनकार कर दिया, बल्कि उन्हें समर्थन का आश्वसन दिया है। msm
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