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Showing posts from March 22, 2021

घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...

हमारे साथ अमरीकियों का रवैया ग़लत रहा है -ईरानी वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई

 वरिष्ठ नेता ने अपने वर्चुअल संबोधन के शुरू में 14वीं हिजरी शम्सी शताब्दी की शुरूआत और 15वीं हिजरी शम्सी शताब्दी की शुरुआत की तुलना करते हुए कहा कि पिछली शताब्दी में रज़ा ख़ान के तानाशाही शासन की शुरूआत हुई, जो वास्तव में रज़ा ख़ान द्वारा और उसके हाथों ब्रिटिश तख़्तापलट था। उन्होंने कहा कि रज़ा ख़ान का शासन ब्रिटेन पर निर्भर था। लेकिन 15वीं शत्बादी के पहले साल में देश में चुनाव हैं, जिसका मतलब है कि देश में जनता के मतों के आधार पर स्वाधीन सरकार का शासन है। इस साल जून में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों का ज़िक्र करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव देश में एक पुनर्निमाण प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से देश के कार्यकारी हिस्सों को ताज़ा दम किया जाएगा। आयतुल्लाह ख़ामेनई का कहना था कि कुछ देशों की जासूसी एजेंसियां विशेष रूप से अमरीका और ज़ायोनी शासन की जासूसी एजेंसियां कुछ समय से जून में होने वाले चुनावों का रंग फीका करने का प्रयास कर रही हैं और इस उद्देश्य तक पहुंचने के लिए चुनाव के आयोजकों पर (चुनावी) इंजीनियरिंग का आरोप लगा रही हैं और लोगों हतोत्साहित कर रही हैं कि तुम्हारे वोट का कोई मह...

कैथोलिक चर्च समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देगा,यह पाप है - पोप फ़्रांसिस

 वेटिकन ने एक बयान में कहा कि कैथोलिक चर्च समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देगा। पोप फ़्रांसिस की ओर से मंज़ूरी मिलने के बाद वेटिकन ने यह बयान जारी किया है। सोमवार को अपने फ़ैसले की एक लंबी विज्ञप्ति में व्याख्या करते हुए वेटिकन ने कहा का पोप ने समलैंगिकता को पाप बताते हुए कहा है कि इसे ईश्वर की योजना से सही तौर पर समन्वित नहीं माना जा सकता। वेटिकन के उच्च कार्यालय “द कॉन्ग्रीगेशन फ़ॉर द डॉक्ट्रिन ऑफ़ द फ़ेथ” ने एक बयान में यह लिखा।इस बयान में आगे आया हैः “ईश्वर पाप की न तो इजाज़त देता और न ही उसे आशीर्वाद देता है।” Source : ABNA

कठिन परिस्थतियों में सरकार ने देश की अर्थव्यस्था को बचाया है। ईरानी राष्ट्रपति रूहानी (नौरोज़ के दिन का सन्देश)

  रविवार को ईरानी नए साल के पहले दिन सरकार की आर्थिक समन्वय समिति की बैठक में सरकार की सफल आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने पर ज़ोर दिया गया। राष्ट्रपति रूहानी ने इस बैठक में उल्लेख किया कि उनकी सरकार पिछले तीन बरसों से अमरीका के अभूतपूर्व आर्थिक दबाव का सामना कर रही है और बहुत ही कठिन परिस्थतियों में सरकार ने देश की अर्थव्यस्था को बचाया है। उन्होंने कहाः उनकी सरकार इस साल भी उत्पादन के मार्ग में आने वाली रुकावटों को दूर करते हुए संतुलित विकास और प्रगति की प्रक्रिया को जारी रखने का हर संभव प्रयास करेगी। पिछले साल उत्पादन में वृद्धि के नारे को व्यवहारिक बनाने के लिए उठाए गए क़दमों के बारे में रूहानी ने कहाः पिछले साल इस नारे को व्यवहारिक बनाने के लिए आधारभूत ढांचे को विकसित करने पर ध्यान दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप धीरे धीरे लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा और देश विकास करेगा। उन्होंने देश के विकास में प्राइवेट सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी ज़ोर दिया।  Source :  parstoday