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Showing posts from January, 2021

Purpose OF Azadari- Moharram 2021

 

ट्रम्प वाइट हाउस से विदा हो रहे हैं

 कुछ लोग यह कह रहे हैं कि सोशल मीडिया की ओर से ट्रम्प के ख़िलाफ़ उठाया गया क़दम लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर बहुत बड़ा प्रहार है। मगर सवाल यह है कि ख़ुद ट्रम्प ने कब आज़ादी और अधिकारों का सम्मान किया? ट्रम्प ने 3000 बच्चों को उनके परिवारों से अलग करवा दिया था। उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमरीका में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। ट्रम्प ने फ़िलिस्तीनी और सीरियाई इलाक़ों पर इस्राईल के ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े को मान्यता दी थी। ट्रम्प अब अपने 74 मिलियन मतदाताओं के सामने विक्टिम कार्ड खेल कर उनकी हमदर्दियां बटोरना चाहते हैं। उन्हें ट्वीटर पर अपने 90 मिलियन फ़ालोअरों की बड़ी चिंता है। ट्रम्प चाहते थे कि यह सारे लोग उनके लिए मज़बूत छापामार संगठन बन जाएं और अमरीका में गृह युद्ध की आग भड़का दें। हमें तो डर है कि ट्रम्प की इसी शैली पर यूरोप के भी कुछ शासक काम कर सकते हैं। ट्रम्प वाइट हाउस से विदा हो रहे हैं तो उनके ख़िलाफ़ 60 से अधिक मुक़द्दमे दायर हो चुके हैं। इस तरह के विवादों से ट्रम्प का पुराना रिश्ता रहा है तो वह इन मुक़द्दमों से नहीं डरेंगे लेकिन वाइट हाउस में लौटने का रास्ता ह

हिज़्बुल्लाह की बढ़ती मिसाइल शक्ति इस्राईली मीडिया की ज़बानी

सैन्य मामलों के इस्राईली विशेषज्ञ एलॉन बेन-डेविड ने हाल ही में एक लेख प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक हैः क्या इस्राईल सबसे बड़े रणनीतिक ख़तरे की अनदेखी कर रहा है? सीरिया में इस्राईल ने हवाई हमलों में वृद्धि कर दी है, लेकिन उसके यह हमले हिज़्बुल्लाह को सटीक व गाइडेड मिसाइलों के उत्पादन तथा निर्माण की स्वतंत्र क्षमता हासिल करने से रोकने में नाकाम रहे हैं।  लेख में उल्लेख किया गया है कि इस्राईल को असली रणनीतिक ख़तरे का सामना लेबनान से है, न कि सीरिया से, लेकिन इस्राईल, हिज़्बुल्लाह को अपनी मिसाइल शक्ति बढ़ाने से रोकने में नाकाम हो गया है। विभिन्न स्रोतों से ऐसे संकेत मिले हैं कि हिज़्बुल्लाह के पास मध्यम से लंबी दूरी तक के सैकड़ों सटीक मिसाइल हैं। ऐसा लगता है कि संगठन के पास अभी तक ऐसे मिसाइलों के निर्माण की पूर्ण क्षमता नहीं है, लेकिन यह अपने "गूंगे" मिसाइलों को भी सटीक मारक क्षमता वाले मिसाइलों में बदलने की योग्यता रखता है। लेबनान विशेष रूप से हिज़्बुल्लाह इस्राईल से दो युद्ध लड़ चुका है। पहला सन् 2000 में और दूसरा सन् 2006 में। दोनों ही लड़ाईयों में हिज़्बुल्लाह ने युद्ध के म

جب امیرالمومنین ؑ نے ناگوار حق(خلافت) پر اتحاد کرلیا تو شیعہ کو اتحاد میں کیا مشکل ہے؟ | داعی وحدت استاد محترم سید جواد نقوی حفظہ اللہ

 

30 साल बाद बताया इस्राईल ने कि सद्दाम ने कितनों को मारा था

 इस्राईल के टीवी चैनल " कान " में  " दुश्मनी " नाम से एक डाक्यूमेंट्री फिल्म प्रसारित की गयी जिसमें कुछ अरब नेताओं के बारे में जायोनियों के विचार के बारे में चर्चा की गयी है। डाक्यूमेंट्री फिल्म में यह तक कहा गया है कि अरब और मुस्लिम नेताओं की क़ब्रें भी खोदनी चाहिए क्योंकि उन्होंने बहुत अत्याचार किये हैं। इस्राईली टीवी पर प्रसारित होने वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म में जमाल अब्दुन्नासिर, इस्राईल के साथ कैंप डेविड समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अनवर सादात, सद्दाम हुसैन, इमाम खुमैनी, हाफिज़ असद और यासिर अरफात जैसे इस्लामी जगत के बड़े नेताओं की जीवनी पर चर्चा की गयी है। इस फिल्म में इन सभी नेताओं का जम कर अपमान किया गया है और इस्राईली दर्शकों को यह समझाया गया है कि यह सब लोग, अपने अपने देश की जनता के दुश्मन थे। इस पूरी डाक्यूमेंट्री फिल्म  में अरबों  और मुसलमानों की छवि खराब करने का बहुत अधिक प्रयास किया गया है। इस्राईली टीवी पर प्रसारित होने वाली इस डाक्यूमेंट्री में इस्राईल की खुफिया एजेन्सी के कई पूर्व अधिकारियों ने अरब नेताओं की जीवनी के ऐसे राज़ों से पर्दा हटाया है जिन

अंसारुल्लाह आंदोलन के ख़िलाफ़ अमरीकी कार्यवाही पर यमन के धर्मगुरुओं की जवाबी कार्यवाही. Yemen's religious leaders retaliate against American action against Ansarullah movement

 अलमसीरा टीवी चैनल के मुताबिक़, यमन के धर्मगुरुओं के संघ ने मंगलवार को एक बयान में बल दिया कि अंसारुल्लाह के ख़िलाफ़ अमरीका के इस फ़ैसले से ख़ुद उसी की बदनामी है। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने अंसारुल्लाह को विदेशी आतंकवादी संगठन की सूचि में क़रार देने के फ़ैसले से कॉन्ग्रेस के सूचित कर दिया है। अमरीका के इस फ़ैसले की बहुत से अधिकारी, गुट और दल निंदा कर रहे हैं। अमरीका के मौजूदा विदेश मंत्री पोम्पियो ने ऐसी स्थिति में अंसारुल्लाह के ख़िलाफ़ यह एलान किया है कि क़रीब 6 साल से सऊदी-यूएई गठबंधन यमन की मूल रचानाओं को निशाना बना रहा, यमन की हवाई, समुद्री और ज़मीनी नाकाबंदी कर रखी है, यमनी जनता के लिए बहुत सी मुश्किल खड़ी कर दी हैं और आए दिन बेगुनाह यमनी जनता का नरसंहार करता है, जिसमें मुख्य रूप से महिलाएं और बच्चे निशाना बनते हैं। 

شیعہ نسل کشی کا قرانی راه حل- استاد محترم سید جواد نقوی शिया नरसंहार से बचने का कुरानी समाधान

  Pakiatan मे एक कोयला खान पर हमला करके 11 शिया खान मज़दूरों कि हत्या करदी

Pakiatan मे एक कोयला खान पर हमला करके 11 शिया खान मज़दूरों कि हत्या करदी

  पाकिस्तान के वरिष्ठ शिया धर्म गुरु अल्लामा नासिर अब्बास जाफरी ने इन खान मज़दूरों की हत्या को जातीय सफाया और अमानवीय अपराध बताया।  एमडब्ल्यूएम के महासचिव ने खान मज़दूरों की हत्या की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए पाकिस्तान की सरकार से मांग की है कि वह इस हत्याकांड के ज़िम्मेदारों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करे।  उन्होंने इसी तरह पाकिस्तान सरकार से मांग की कि इस हत्या के मुख्य ज़िम्मेदारों और पाकिस्तान में तकफीरी आतंकवादियों  की गतिविधियों के खिलाफ सरकार ठोस  क़दम उठाए।  उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान सरकार, हज़ारा शिया खान मज़दूरों के क़ातिलों को गिरफ्तार नहीं करती और हज़ारा शियों की सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं बनाती तो सोमवार से पूरे देश में धरना आरंभ हो जाएगा।  बलोचिस्तान में इस हत्याकांड के तत्काल बाद ही हज़ारों लोगों ने सड़कों पर निकल कर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की।  कुछ आतंकवादियों ने पिछली रात, पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के "मच" इलाक़े में एक कोयला खान पर हमला करके 11 शिया खान मज़दूरों कि हत्या करदी  पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने भी बलोचिस्तान में शिय