चौतरफ़ा आलोचना झेलने के बाद म्यांमार की नेता आन सान सूची ने आख़िरकार रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में अपनी ज़बान खोली है।
सूची ने कहा कि उनका देश रख़ाइन प्रांत में रहने वाले सभी लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। सूची ने लंबी चुप्पी के बाद यह बयान दिया है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका देश इन लोगों को बचाने के लिए क्या कोशिश कर रहा है जबकि देश की सेना और सुरक्षा बल ही चरमपंथी बौद्धों के साथ मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार कर रहे हैं।
सूची ने आरोप लगाया कि चरमपंथी तत्व अपने हित साधने के लिए ग़लत ख़बरें फैला रहे हैं।
बताया जाता है कि सूची ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान से टेलीफ़ोन पर बातचीत में यह टिप्पणी की है।
सूची लाख कहें कि ग़लत ख़बरें फैलाई जा रही हैं लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों पर जो भयानक अत्याचार हो रहे हैं वह इतने स्पष्ट और दिल दहला देने वाले हैं कि संयुक्त राष्ट्र और इस्लामी देशों सहित विश्व के अनेक देशों और संस्थाओं की ओर से म्यांमार की सरकार की कड़ी आलोचना की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गोटेरस ने कहा कि यदि रोहिंग्या मुसलमानों का मामला हल न किया गया तो क्षेत्र के देशों में अस्थिरता फैल सकती है।
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