जून २४, २०१६ . इस्लामी क्रान्ति संरक्षक बल आईआरजीसी ने कहा है कि पिछले हफ़्ते देश के पश्चिमोत्तरी भाग में गिरफ़्तार हुए एक आतंकवादी गुट के तत्वों ने अमरीका और सऊदी अरब की ओर से समर्थन मिलने की बात स्वीकार की है।
आईआरजीसी की थल सेना के कमान्डर ब्रिगेडयर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने गुरुवार को इन आतंकियों की स्वीकारोक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, “इन लोगों ने अपने अपराधों के व्यापक आयाम और अपने गुट के लक्ष्यों की प्राप्ति में सऊदी अरब और अमरीका की ओर से मिले समर्थन को स्वीकार किया है।” उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक किया जाएगा।
इस आतंकवादी गुट को ईरान के सिस्तानो बलोचिस्तान प्रांत के ख़ाश शहर में पिछले हफ़्ते ध्वस्त किया गया।
जनरल मोहम्मद पाकपूर ने बताया कि एक आतंकी की, गिरफ़्तारी के समय लगे घाव को सहन न कर पाने से मौत हो गयी जबकि दूसरा आतंकी हिरासत में है।
आईआरजीसी की थल सेना के कमान्डर ब्रिगेडयर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने कहा कि अमरीका और सऊदी अरब ईरान की भौगोलिक सीमाओं में क्रान्ति विरोधी तत्वों और आतंकवादी गुटों को फिर से संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं। ये गुट व तत्व, सीमावर्ती इलाक़ों में सुरक्षा बलों की कोशिशों से वर्षों कमज़ोर रहे।
ब्रिगेडयर जनरल मोहम्मद पाकपूर ने देश में जातीय टकराव पैदा करने की दुश्मन की चाल की ओर से सावधान रहने पर भी बल दिया।
ज्ञात रहे तेहरान सहित कई प्रांतों में तकफ़ीरी वहाबियों के हमलों के षड्यंत्र नाकाम होने के बाद, ईरान के गुप्तचर मंत्री ने बुधवार को एक वीडियो जारी की जिसमें सुरक्षा बल राजधानी तेहरान में आतंकियों के ठिकाने पर छापा मारते दिखाई दे रहे हैं।
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