युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शीया हज़ारा समुदाय के प्रदर्शन स्थल पर 2 बम धमाके हुए जिनमें कम से कम 80 लोग हताहत और 207 अन्य घायल हुए।
तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने इन धमाकों की ज़िम्मेदारी ली है। ये धमाके काबुल के देह मज़न्ग स्कवायर पर हुए जहां हज़ारों की संख्या में शीया हज़ारा समुदाय के लोग विवादित बिजली लाइन परियोजना के खिलाफ़ सुबह के समय प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे।
पुलिस के अनुसार, एक आक्रमणकारी अपनी बेल्ट को विस्फोटित करने में सफल रहा, दूसरा आक्रमणकारी सही तरह से अपनी बेल्ट को विस्फोटित नहीं कर पाया जबकि तीसरा आक्रमणकारी इससे पहले कि अपनी बेल्ट को विस्फोटित करता सुरक्षा बल ने उसे ढेर कर दिया।
राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने धमाकों की भर्त्सना करते हुए आतंकियों के इस हमले पर गहरा दुख जताया है।
उन्होंने कहा, “अवसरवादी आतंकियों ने प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंच कर विस्फोट किए जिसमें बड़ी संख्या में देश के नागरिक, सुरक्षा बल और रक्षा विभाग के कर्मचारी हताहत व घायल हुए।” अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर नागरिक का अधिकार है।
प्रदर्शनकारी भेदभाव पर धिक्कार और न्याय चाहिए जैसे नारे लगा रहे थे।
इस बीच तालेबान ने काबुल धमाकों की निंदा की है। तालेबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने इन धमाकों की निंदा करते हुए कहा है कि तालेबान का इन धमाको से कोई संबंध नहीं है।
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