प्राप्त जानकारी के अनुसार यमन स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट दी है कि सऊदी अरब की नाकाबंदी तथा सनआ एयरपोर्ट को बंद करने के कारण देश में ११००० से अधिक रोगी इलाज के आभाव में जान की बाज़ी हार गए है । स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश से बाहर निकलने पर प्रतिबंध तथा इलाज के अभाव के कारण देश में ११२५० से अधिक लोग मारे गए है । स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हर साल १०० से अधिक लोगों को इलाज के लिए विदेश जाने की आवश्यकता है लेकिन देश की नाकाबंदी तथा सऊदी अतिक्रमण के कारण यह संभव नहीं हो पाता । सनआ एयरपोर्ट को जल्द ही खोलना होगा हर गुज़रता दिन यमन में ३२० से अधिक मौतों का कारण बन रहा है । सऊदी अरब, यमन पर अतिक्रमण तथा सनआ एयरपोर्ट को बंद कर यमन में गंभीर मानव अपराध को बढ़ावा दे रहा है । स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल हकीम ने विश्व जगत से अपील की है कि वह शीघ्र ही सनआ एयरपोर्ट को खुलवाए , मानव इतिहास में किसी देश की ३० मिलियन जनता को यात्रा से वंचित करने वाले अपराध की कोई मिसाल नहीं मिलती ।
3 तलाक एवं हलाला पर आपत्ति जताने वाले आखिर नियोग प्रथा पर खामोश क्यों हैं, हलाला ठीक है या ग़लत कम से कम विवाहित महिला शारीरिक संबंध अपने पति से ही बनाती है! पर नियोग प्रथा से संतान सुख के लिए किसी भी ब्राह्मण पुरुष से नियोग प्रथा के अनुसार उससे शारीरिक संबंध बना सकती है! यह कितना बड़ा अत्याचार और पाप हुआ? नियोग प्रथा क्या है? हिन्दू धर्म में एक रस्म है जिसे नियोग कहते है , इस प्रथा के अनुसार किसी विवाहित महिला को बच्चे पैदा न हो रहे हो तो वो किसी भी ब्राह्मण पुरुष से नियोग प्रथा के अनुसार उससे शारीरिक संबंध बना सकती है! नियोग प्रथा के नियम हैं:- १. कोई भी महिला इस प्रथा का पालन केवल संतान प्राप्ति के लिए करेगी न कि आनंद के लिए। २. नियुक्त पुरुष केवल धर्म के पालन के लिए इस प्रथा को निभाएगा। उसका धर्म यही होगा कि वह उस औरत को संतान प्राप्ति करने में मदद कर रहा है। ३. इस प्रथा से जन्मा बच्चा वैध होगा और विधिक रूप से बच्चा पति-पत्नी का होगा , नियुक्त व्यक्ति का नहीं। ४. नियुक्त पुरुष उस बच्चे के पिता होने का अधिकार नहीं मांगेगा और भविष्य में बच्चे से कोई रिश्ता नहीं रखेगा।
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