युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...
प्राप्त जानकारी के अनुसार यमन स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट दी है कि सऊदी अरब की नाकाबंदी तथा सनआ एयरपोर्ट को बंद करने के कारण देश में ११००० से अधिक रोगी इलाज के आभाव में जान की बाज़ी हार गए है । स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश से बाहर निकलने पर प्रतिबंध तथा इलाज के अभाव के कारण देश में ११२५० से अधिक लोग मारे गए है । स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हर साल १०० से अधिक लोगों को इलाज के लिए विदेश जाने की आवश्यकता है लेकिन देश की नाकाबंदी तथा सऊदी अतिक्रमण के कारण यह संभव नहीं हो पाता । सनआ एयरपोर्ट को जल्द ही खोलना होगा हर गुज़रता दिन यमन में ३२० से अधिक मौतों का कारण बन रहा है । सऊदी अरब, यमन पर अतिक्रमण तथा सनआ एयरपोर्ट को बंद कर यमन में गंभीर मानव अपराध को बढ़ावा दे रहा है । स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल हकीम ने विश्व जगत से अपील की है कि वह शीघ्र ही सनआ एयरपोर्ट को खुलवाए , मानव इतिहास में किसी देश की ३० मिलियन जनता को यात्रा से वंचित करने वाले अपराध की कोई मिसाल नहीं मिलती ।
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