अमरनाथ यात्रियों से भरी जिस बस पर सोमवार को आतंकियों ने हमला किया, उसे चला रहे ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाई। यात्रियों का कहना है कि बस ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए मौके से बस को किसी तरह भगाकर सुरक्षाबल के कैंप तक पहुंचाया। गौरतलब है कि अगर आतंकी बस में सवार होने में कामयाब हो जाते तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
सलीम के रिश्तेदार जावेद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'उन्होंने रात साढ़े 9 बजे मुझे फोन करके गाड़ी पर हुई फायरिंग की जानकारी दी। वह सात लोगों की जान नहीं बचा सके, लेकिन 50 से ज्यादा लोगों को सेफ जगह पहुंचाने में कामयाब रहे। मुझे उनपर गर्व है।' बता दें कि गुजरात के रजिस्ट्रेशन नंबर GJ09Z 9976 वाली बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्टर नहीं थी। एक टॉप सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बताया कि इसमें सवार लोगों ने अपनी यात्रा दो दिन पहले ही पूरी कर ली थी और इसके बाद से वे श्रीनगर में ही थे।
सलीम के रिश्तेदार जावेद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'उन्होंने रात साढ़े 9 बजे मुझे फोन करके गाड़ी पर हुई फायरिंग की जानकारी दी। वह सात लोगों की जान नहीं बचा सके, लेकिन 50 से ज्यादा लोगों को सेफ जगह पहुंचाने में कामयाब रहे। मुझे उनपर गर्व है।' बता दें कि गुजरात के रजिस्ट्रेशन नंबर GJ09Z 9976 वाली बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्टर नहीं थी। एक टॉप सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बताया कि इसमें सवार लोगों ने अपनी यात्रा दो दिन पहले ही पूरी कर ली थी और इसके बाद से वे श्रीनगर में ही थे।
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