सिक्किम में तो भारत और चीन के बीच तनाव चल ही रहा है अब उत्तराखंड से भी चीनी
घुसपैठ की खबर आई है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि 25 जुलाई को चीन के सैनिक उत्तराखंड
के बाराहोटी इलाके में 1 किलोमीटर तक अंदर घुस गए थे। घुसपैठ की ये घटना सुबह 9 बजे करीब हुई थी। बता दें
16 जून से भारत-चीन
के बीच सिक्किम में स्थित डोकलाम को लेकर बॉर्डर विवाद चल रहा है। भारत ने बातचीत से
मसले को सुलझाने को कहा है। साथ ही कहा है कि दोनों देशों की सेनाएं वापस जाएं। चीन
का कहना है कि भारत ने उसकी सीमा में घुसपैठ की है। लिहाजा भारतीय आर्मी को वापस जाना
चाहिए। उत्तराखंड में क्या हुआ था...
- न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा- चीन के कुछ सैनिक उत्तराखंड के बाराहोटी
इलाके में आए। ये चमोली जिले में आता है। चीनी सैनिकों ने वहां चरवाहों को धमकाते हुए
वहां से जाने के लिए कहा।
- चीन के सैनिकों ने दो (15 और 25 जुलाई) बार घुसपैठ की थी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक- भारत सरकार
के अफसरों ने इस मामले पर इतना ही कहा कि इस तरह की घटनाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया
जाना चाहिए।
- चीन के 15 से 20 सैनिक बाराहोटी में करीब 800 मीटर अंदर आ गए थे। ये इलाका चमोली जिले में आता है। घटना 25 जुलाई की है। खास बात ये
है कि 26 जुलाई
को ही एनएसए अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग
गए थे।
- चीनी सैनिकों से किसी तरह का कोई टकराव नहीं हुआ था। आईटीबीपी ने जब चीन के सैनिकों
से घुसपैठ पर विरोध जताया तो वो वापस चले गए। आईटीबीपी सूत्रों का कहना है कि इस तरह
की घटनाएं होती रहती हैं और इनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती।
बिना हथियारों के होती है पेट्रोलिंग
- बाराहोटी में तीन राज्यों की सीमाएं मिलती हैं। यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड। इस इलाके में
आईटीबीपी के जवानों को हथियार ले जाने की इजाजत नहीं हैं। 1958 में चीन और भारत ने इसे
विवादित क्षेत्र माना था। 1962 की जंग में भी चीन ने इस इलाके में दखल नहीं दिया था।
- जंग के बाद आईटीबीपी के जवान इस इलाके में पेट्रोलिंग तो करते थे लेकिन उनकी बंदूकों
की नाल नीचे की तरफ रहती थीं। साल 2000 में भारत ने एलान किया था कि उसके जवान तीन इलाकों मे
हथियार लेकर नहीं जाएंगे। ये तीन पोस्ट्स हैं- बाराहोटी, कौरील और शिपकी।
घुसपैठ करने वाले दुश्मन को हराने की ताकत रखती है चीनी आर्मी
- एक अगस्त यानी मंगलवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90th
एनिवर्सरी है। इससे
दो दिन पहले रविवार को चीन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इनर मंगोलिया में स्थित
चीन के सबसे बड़े मिलिट्री बेस झूरिहे में परेड निकाली गई।
- इस मौके पर चीन के प्रेसिडेंट शी प्रेसिडेंट बाकायदा मिलिट्री यूनिफॉर्म पहनकर
शामिल हुए।
- जिनपिंग ने कहा, "चीन की आर्मी को खुद पर पूरा भरोसा है और वह घुसपैठ करने वाले
दुश्मन को हराने की ताकत रखती है।"
- "पीएलए को सख्ती से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) को फॉलो करना चाहिए। आर्मी को वहीं
ही जाना चाहिए जहां पार्टी निर्देश दे।" हालांकि अपनी स्पीच में जिनपिंग ने डोकलाम
विवाद का जिक्र नहीं किया।
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