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घबराओ नहीं[जरुर पढे]

युद्ध में हार या जीत का असली मानक हसन नसरुल्ला, हिज़्बुल्लाह के नेता, की शहादत ने एक नई बहस छेड़ दी है कि युद्ध में असली जीत और हार का क्या मानक है। उनकी शहादत एक बड़ा नुकसान है, लेकिन जिस सिद्धांत और उद्देश्य के लिए उन्होंने संघर्ष किया, वह आज भी जीवित है। उनका जीवन और बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब किसी कौम के पास एक मजबूत सिद्धांत होता है, तो वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रहती है। युद्धों का इतिहास हमें सिखाता है कि हार और जीत का निर्णय हमेशा युद्ध के मैदान में लड़ने वालों की संख्या या शहीदों की संख्या पर नहीं होता, बल्कि उस उद्देश्य की सफलता पर होता है जिसके लिए युद्ध लड़ा गया। यही उद्देश्य है जो जातियों को प्रेरित करता है और उन्हें लड़ने के कारण प्रदान करता है। जब भी कोई कौम युद्ध की शुरुआत करती है, वह एक स्पष्ट उद्देश्य से प्रेरित होती है। यह उद्देश्य कुछ भी हो सकता है: स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा, या किसी सिद्धांत का संरक्षण। युद्ध में भाग लेने वाले लोग विश्वास करते हैं कि वे किसी बड़े कारण के लिए लड़ रहे हैं। यदि यह उद्देश्य पूरा होता है, तो इसे सफलता माना जाता ...
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बोको हराम आतंकवादियों के हमले में नाइजीरिया के शिया स्कूल में तीन मुसलमानों की हत्या

  तीन शिया मुसलमानों की हत्या उस समय कर दी गई जब संदिग्ध बोको हराम तकफिरी आतंकवादियों ने यॉबे राज्य के गाइडम स्थानीय सरकार क्षेत्र में फुदैया इस्लामिक स्कूल पर हमला किया। इन आतंकवादियों ने शुक्रवार को स्कूल पर हमला किया, जहां शिया समुदाय आमतौर पर धार्मिक गतिविधियाँ करता है।  आतंकवादियों ने पहले हवा में गोलीबारी की और फिर मोहम्मद सालेह, अहमद अब्दुलरहमान, और अब्दुल्लाही आदम की हत्या कर दी। एक और पीड़ित को, जो हमले में बच गया था, इलाज के लिए एनगुरू शहर के अस्पताल में ले जाया गया।  नाइजीरिया में शिया मुसलमानों को बोको हराम आतंकवादियों द्वारा गंभीर रूप से निशाना बनाया गया है। 2014 में, बोको हराम के आत्मघाती हमलावर ने यॉबे राज्य के पोटिसकुम शहर में एक शिया धार्मिक समारोह में 15 उपासकों की हत्या कर दी थी।

Purpose OF Azadari- Moharram 2021

 

#ShiaAzadari इमाम हुसैन (अ.स.) के बलिदान का उद्देश्य! दुआएं कबूल क्यों नहीं होती? #Azadari2021

 

Moharram 2021 - Kiya App Azadari Karty hain

 

Moharram 2021- عزاداری نام ہے انقلاب کا - اعظم عباس عابدی نوگاوی

 

عزاداری صرف ماتم داری کا نام نہیں ہے بلکہ انسانیت کے پرچم کو بلند کرنے کا نام عزاداری ہے - عظمت عابدی

  आजादारी सिर्फ मातम का नाम नहीं, इंसानियत का झंडा फहराना ही आजादारी है